लेमन ग्रुप नाम के एक साइबरक्राइम ऑर्गेनाइजेशन दुनियाभर में 89 लाख एंड्रॉयड डिवाइसेज को एक नए मैलवेयर से इन्फेक्ट कर दिया है. प्रभावित देशों की लिस्ट में भारत का भी नाम शामिल है.
नई दिल्ली. मैलवेयर अटैक के मामले हाल फिलहाल में काफी देखें गए हैं. साइबर अपराधी लोगों को टारगेट करते हैं और उनके डिवाइस से डेटा चुराने के लिए उन्हें मैलवेयर से इन्फेक्ट कर देते हैं. बाद में ये डेटा को ब्लैक मार्केट में बेच देते हैं या गलत कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए कंपनियों द्वारा कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं, फिर ये घटनाएं थम नहीं रही हैं.
एक ताजा रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि लेमन ग्रुप (Lemon Group) नाम के एक साइबरक्राइम ऑर्गेनाइजेशन ने कथित तौर पर दुनियाभर में करीब 8.9 मिलियन एंड्रॉयड डिवाइसेज में Guerilla नाम के मैलेवेयर को इंस्टॉल किया है. इस मैलवेयर ने स्मार्टवॉच, स्मार्टफोन, TVs और TV बॉक्स जैसे एंड्रॉयड डिवाइस को प्रभावित किया है.
जापान की मल्टीनेशनल साइबर सिक्योरिटी कंपनी Trend Micro ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में दावा किया है कि मैलवेयर ने एंड्रॉयड यूजर्स के अकाउंट्स और निजी डेटा को जोखिम में डाला है. रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कैमर्स डिवाइस में प्री-इंस्टॉल्ड मैलवेयर का इस्तेमाल कई खतरनाक एक्टिविटी करने के लिए कर रहे हैं. जैसे- एडिशनल पेलोड लोड करना, SMS से वन-टाइम पासवर्ड निकालना, इन्फेक्टेड डिवाइस से रिवर्स प्रॉक्सी सेट करना और वॉट्सऐप सेशन्स को हाइजैक करना.
एक हालिया ब्लॉग में कंपनी ने आगे बताया है कि इन्फेक्टेड डिवाइस दुनियाभर में फैल रहे हैं. इनमें स्कैमर्स के पास 180 से ज्यादा देशों में डिवाइसेज पर कंट्रोल है. मैलवेयर से सबसे ज्यादा प्रभावित टॉप 10 देशों में अमेरिका, मैक्सिको, इंडोनेशिया, थाईलैंड, रूस, दक्षिण अफ्रीका, भारत, अंगोला, फिलीपींस और अर्जेंटीना के नाम हैं. फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिली है कि लेमन ग्रुप कैसे डिवाइसेज को इन्फेक्ट कर रहा है. मैलवेयर आमतौर पर कुछ डिवाइसेज में प्री-इंस्टॉल्ड मिल रहे हैं.
अपने एंड्रॉयड डिवाइस को मैलवेयर से ऐसे बचाएं:
- आमतौर पर मैलवेयर फर्जी ऐप्स के जरिए फैलाए जाते हैं. ऐसे में किसी अननोन सोर्स से ऐप डाउनलोड करना चाहिए. साथ ही गूगल प्ले स्टोर से भी ऐप डाउनलोड करते समय रिव्यू पढ़ लेना चाहिए.
- परमिशन देते वक्त रहें सावधान: ऐप को इंस्टॉल करने के बाद डिवाइस परमिशन देते वक्त सावधान रहना चाहिए. ऐप्स को जरूरत के मुताबिक ही परमिशन देनी चाहिए.
- सॉफ्टवेयर को रखें अपडेटेड: गूगल द्वारा समय-समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट दिए जाते हैं. इन अपेडट्स में सिक्योरिटी पैच होते हैं. जो आपके डिवाइस को सुरक्षा देते हैं. ऐसे में इसे अपडेट करत रहें.
- डिवाइस को करें स्कैन: फोन में कुछ संदिग्ध लगने पर आप किसी ट्रस्टेड सिक्योरिटी ऐप के जरिए फोन के स्केन कर सकते हैं. ताकि मैलवेयर फोन से दूर हो सकें.